एक मुस्कुराता हुआ चेहरा देखा..
कई मुस्कुराते हुए फिर, चेहरे नजर आए ,
फिर मुस्कुराते हुए चेहरों पर , कुछ पहरे नज़र आए !!
वो कौन सी बंदिशें थी , जो जान नहीं पाए हम,
पर देख कर उन्हे कुछ राज गहरे नजर आए।
ये दुनिया की सच्चाई के प्रतीक थे कुछ शायद,
जो आधी आबादी के लिए ही बनी है,,
जो हसती है, खेलती है,
दुख भी झेलती है..
कुछ कहती नहीं ज्यादातर
ज्यादातर नहीं सोचती है,
उसकी गणित बहुत कमजोर है
उसकी मन की इसलिए बाते कुछ अलग सी हैं...
चेहरे के भाव कुछ और हैं!!!
Nice
ReplyDeleteबहुत खूब
Deleteधन्यवाद भाई जी
Deleteआधी आबादी करती ज्यादा है
ReplyDeleteसोचती कम है
कारण स्पष्ट है कि
बाकी जो गम है
वो क्या किसी से कम है !!???
🙏🙏
भारती_बिंदु
Deleteआप सही कह रही हैं..हम लोग अपना दर्द कह ही नहीं पाते..बस मुस्कुरा कर जीते रहते हैं..
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