एक मुस्कुराता हुआ चेहरा देखा..
कई मुस्कुराते हुए फिर, चेहरे नजर आए ,
फिर मुस्कुराते हुए चेहरों पर , कुछ पहरे नज़र आए !!
वो कौन सी बंदिशें थी , जो जान नहीं पाए हम,
पर देख कर उन्हे कुछ राज गहरे नजर आए।
ये दुनिया की सच्चाई के प्रतीक थे कुछ शायद,
जो आधी आबादी के लिए ही बनी है,,
जो हसती है, खेलती है,
दुख भी झेलती है..
कुछ कहती नहीं ज्यादातर
ज्यादातर नहीं सोचती है,
उसकी गणित बहुत कमजोर है
उसकी मन की इसलिए बाते कुछ अलग सी हैं...
चेहरे के भाव कुछ और हैं!!!