सीता हैं अभी जंगल में,
रावण अभी तक मरा नहीं है!
राम जब आयेंगे..
युद्ध करेंगे
मुक्त तब सीता होगी
राम अभी तक जन्मे नहीं है
रावण अभी तक मरा नहीं है
लक्ष्मण का भी पता नहीं है
सीता हैं अभी जंगल में!!
सीता हैं अभी जंगल में,
ओझल तन मन...जीवन.. हम तुम केवल बंधे बंधे.. हम राही केवल, नहीं हमराही... चले आते हैं, चले जाते हैं... सुबह शाम बिन कहे सुने.. न हाथों का मेल....