Showing posts with label लक्ष्मण. Show all posts
Showing posts with label लक्ष्मण. Show all posts

रावण अभी मरा नहीं है..

रावण अभी मरा नहीं है..

कितने हैं ये भी पता नहीं है..

लक्ष्मण, राम पलायन कर गए..

हनुमान किधर हैं..किधर गए??

हृदय सभी का चंचल सा..

स्थिरता का पता नहीं है..

रावण अभी मरा नहीं है..

नारी रहे वश में सदा..पुरुष के..

यही सदा की विडंबनाय..

पुरुष ही उसका भाग्य विधाता..

मनमुताबिक भोगी जाए..

शोषण सदा प्रथा रही है..

रावण अभी मरा नहीं है..

किसमें किसमें हैं ..

ये भी पता नहीं है..

होते बहुत बखान ..

नारी के उत्थान के..

करते सभी अहसान उसपर..

बेचारी सुकुमारी जान के..

या कुछ दंभ के पाश..

प्रेम स्वरूप बांध के..

शशक्तता एक धता रही है..

रावण अभी मरा नहीं है..।।।।

सीता हैं अभी जंगल में


सीता हैं अभी जंगल में,
रावण अभी तक मरा नहीं है!
राम जब आयेंगे..
युद्ध करेंगे
मुक्त तब सीता होगी
राम अभी तक जन्मे नहीं है
रावण अभी तक मरा नहीं है
लक्ष्मण का भी पता नहीं है
सीता हैं अभी जंगल में!!

ओझल तन मन...जीवन.. हम तुम केवल बंधे बंधे.. हम राही केवल, नहीं हमराही...

ओझल तन मन...जीवन.. हम तुम केवल बंधे बंधे.. हम राही केवल, नहीं हमराही... चले आते हैं, चले जाते हैं... सुबह शाम बिन कहे सुने.. न हाथों का मेल....