मैं नया जन्म लूंगी..
उम्र ढल रही है..
मैं ना ढलूंगी..
नया जन्म लूंगी..
बचपन बीत गया..
लेकिन है स्मृति में..
वो खेलता हुआ..
कोमल हृदय नया नया..
फिर स्फूर्ति भरूंगी..
नया जन्म लूंगी..
बढ़ता हुआ कद..
विस्तृत होते पद..
प्रेम के सरोवर..
भरे हुए नैन मेरे..
फिर प्रिय को वरूंगी..
नया जन्म लूंगी..
बचपन फिर खेलेगा कोई..
हृदय पुष्प वो मेरा..
वर्तमान को सजाएगा..
वो भविष्य मेरा..
फिर अनमोल रत्न जनूंगी..
नया जन्म लूंगी..
आ जाएगा फिर यही समय..
संध्या का..
लेकिन मैं करूंगी
आगाज़ फिर नए ..
जीवन का..
मैं ना मिटूंगी..
नया जन्म लूंगी..
मैं नया जन्म लूंगी..।।
हर स्त्री जननी के बाद नई जिंदगी जीती है !!
ReplyDeleteअपना हर रूप अपने अनूप में देखती है !!