किस्मत की कमान टूट भी जाए तो क्या..

किस्मत की कमान टूट भी जाए तो क्या..

तरकश में तीर उम्मीदों के रखना,

धनुष बनाना कोई नया..अपनी धुन का..

और तीर प्रत्यंचा पर कसना..

भेद देना लक्ष्य जीवन का..।

तुमको शुभकामनाएं ..नए समर की..

नए जीवन की......वैभवी उमर की..।

मुझे आशीर्वाद बना कर रखना..

मां हूं मैं तुम्हारी..बहन या कोई साथी..

बस विजय ही तुम्हारी चाहती..।।।

2 comments:

  1. हर समर के लिए प्रेरित करती आप की लेखनी 👍

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  2. बहुत बढ़िया

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ओझल तन मन...जीवन.. हम तुम केवल बंधे बंधे.. हम राही केवल, नहीं हमराही...

ओझल तन मन...जीवन.. हम तुम केवल बंधे बंधे.. हम राही केवल, नहीं हमराही... चले आते हैं, चले जाते हैं... सुबह शाम बिन कहे सुने.. न हाथों का मेल....