कर ना पकड़ो तुम मेरे..हृदय मेरा स्पर्श कर लो..

कर ना पकड़ो तुम मेरे..

हृदय मेरा स्पर्श कर लो..

बातें ना करो मोहक मोहक..

अलौकिक कोई विमर्श कर लो..

दिन रात के वही सब काम काज़..

कुछ तो आज सहर्ष कर लो..

दूर रहो तुम खड़े..

निहारें तुम्हें पल पल..

खुद को कोई वर्ष कर लो..

कोई ना स्वार्थ हो जहां..

पाने की ना हो चेष्टा.. 

आलंगित केवल प्रेम हो..

ऐसा भी कोई संघर्ष कर लो..

कर ना पकड़ो तुम मेरे..

हृदय मेरा स्पर्श कर लो..।।

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ओझल तन मन...जीवन.. हम तुम केवल बंधे बंधे.. हम राही केवल, नहीं हमराही... चले आते हैं, चले जाते हैं... सुबह शाम बिन कहे सुने.. न हाथों का मेल....