या तामाशीन हैं शायद!!
मतलब भर की आंख खुली बंद रखते हैं!!!
उनका मसला हो, उम्मीद मदद की ...
दूसरों के मसलों पर कान मुंह बंद रखते हैं!!!
ओझल तन मन...जीवन.. हम तुम केवल बंधे बंधे.. हम राही केवल, नहीं हमराही... चले आते हैं, चले जाते हैं... सुबह शाम बिन कहे सुने.. न हाथों का मेल....
Well said
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