जीवन की कुछ कविताएं; मन करता है किसी से कहें सुनाएं
मेरा घर है ये...
मतलबी रिश्तों की तरह बेजान नहीं,
Guud
नाइस
ओझल तन मन...जीवन.. हम तुम केवल बंधे बंधे.. हम राही केवल, नहीं हमराही... चले आते हैं, चले जाते हैं... सुबह शाम बिन कहे सुने.. न हाथों का मेल....
Guud
ReplyDeleteनाइस
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