अहमियत नहीं कुछ अगर...
जीवन के पथ, पड़ाव में..
निराश ना होना फिर भी..
इन अहम के उतार चढ़ाव में..
कोई बड़ा कोई छोटा .….
एक ठहराव की बात है केवल..
विशाल ,वृहद , और सतत जीवन की ..
सत्यता केवल इतनी..
हार जाते हैं सभी
अन्तिम इच्छा के चुनाव में !!!
ओझल तन मन...जीवन.. हम तुम केवल बंधे बंधे.. हम राही केवल, नहीं हमराही... चले आते हैं, चले जाते हैं... सुबह शाम बिन कहे सुने.. न हाथों का मेल....
अति सुन्दर बेटी। ईश्वर कि कृपा है तुझ पर।
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