जाना तो बताकर जाना..

यूं तो कुछ खास तारुफ नहीं आपसे..

मगर जाना तो बताकर जाना..

बहुत नाज़ुक से हालात हैं..

आजकल हमारे..

ना इनपर मुस्कुरा के जाना ..

कभी मिलो जो आगे कभी..

पहचान सको मुझे..

बिल्कुल से ना भुला के जाना..

तुम्हारी बातों का जो इतना ..

शौक कर बैठे हैं..

जाना ही है जो तुमको..

बातों के सिलसिले बना के जाना..

जाना है तो बताकर जाना ।।


5 comments:

  1. सुंदर पंक्तियां

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  2. कमाल की लीखति हो बेटी।

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  3. लाजवाब, शब्द कम पड़ गए हैं तारीफ के लिए 👌👌👌👌👌👌

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ओझल तन मन...जीवन.. हम तुम केवल बंधे बंधे.. हम राही केवल, नहीं हमराही...

ओझल तन मन...जीवन.. हम तुम केवल बंधे बंधे.. हम राही केवल, नहीं हमराही... चले आते हैं, चले जाते हैं... सुबह शाम बिन कहे सुने.. न हाथों का मेल....