यूं तो कुछ खास तारुफ नहीं आपसे..
मगर जाना तो बताकर जाना..
बहुत नाज़ुक से हालात हैं..
आजकल हमारे..
ना इनपर मुस्कुरा के जाना ..
कभी मिलो जो आगे कभी..
पहचान सको मुझे..
बिल्कुल से ना भुला के जाना..
तुम्हारी बातों का जो इतना ..
शौक कर बैठे हैं..
जाना ही है जो तुमको..
बातों के सिलसिले बना के जाना..
जाना है तो बताकर जाना ।।