वो 12 रूपए...

वो 12 रुपए ..

जो लावारिश पड़े थे..

पता नहीं किसकी जेब से गिरे थे..

नजर उधर पड़ी ..

एक शख्स की..

उठा कर बोला..

पास में बैठी महिला से..

3 रुपए तो देना..

12 में 3 जोड़ देते है..

किराया पूरा हो जाएगा..।।

किराया  तो खैर पूरा हो गया.. 

पर देखो क्या गया..

हिन्दू थे तो धर्म गया..

मुस्लिम थे तो ईमान ..

एक जरा से अधैर्य ने कर दी..

आप की सम्पूर्ण पहचान.. !!


6 comments:

  1. We should do not to greed!

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  2. आमतौर पर ऐसा करने वालों पर इक़ हलका सा कटाक्ष

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  3. पैसा कभी भी लावारिस नही होता है। जिसको मिले वो उसका होता है।

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  4. ये तो सही कही आपने..पैसे का मूल्य कभी नहीं घटता बंधु..किन्तु ऐसी हरकतें..आपका अवमूल्यन कर देते हैं..

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ओझल तन मन...जीवन.. हम तुम केवल बंधे बंधे.. हम राही केवल, नहीं हमराही...

ओझल तन मन...जीवन.. हम तुम केवल बंधे बंधे.. हम राही केवल, नहीं हमराही... चले आते हैं, चले जाते हैं... सुबह शाम बिन कहे सुने.. न हाथों का मेल....