कोई होता जो बातो के पुलिंदे बनाता,
एक किताब लिख डा लते ,
जो वो लिखना सिखाता
जीवन में कोई मुकम्मल शाम होती
कोई दिन खुशनुमा सा आता
बैठते साथ में
लड़ाई झगड़े नहीं होते
हाथ तो दुनियादारी की चीज है
मन से मन मिल जाता
मन जैसा कुछ होता
बातों का सिलसिला बस मन ही बन जाता
Bahut accha
ReplyDeleteYe kalyug hai..khud se baat karna sikh lo
ReplyDeleteबहुत खूब।
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