कब्र पर उग आते हैं पुष्प जो..

कब्र पर उग आते हैं पुष्प जो..

कहते हैं ...ये है जीवन जो....

अन्तिम नहीं हैं .....शेष हैं..

रहेगा सदा..........सर्वथा..।

आज अंतिम स्वास है केवल..

एक यंत्र ....एक तंत्र की....।

जीवन कड़ी है केवल..

उस आत्मा स्वतंत्र की...।

आत्मा मेरी और तुम्हारी..

जान लो हृदय श्री..

त्याग भी देंगे ये सरवर जो..

मिलेंगे तुमको ..

किसी ना किसी रूप में ..

कहीं ना कहीं..।।


5 comments:

  1. अति सुन्दर

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  2. अति सुन्दर

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  3. बहुत सुंदर ।

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  4. अति सुंदर

    आसभरा जीवन ही सत्य के निकट है

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ओझल तन मन...जीवन.. हम तुम केवल बंधे बंधे.. हम राही केवल, नहीं हमराही...

ओझल तन मन...जीवन.. हम तुम केवल बंधे बंधे.. हम राही केवल, नहीं हमराही... चले आते हैं, चले जाते हैं... सुबह शाम बिन कहे सुने.. न हाथों का मेल....