कब्र पर उग आते हैं पुष्प जो..
कहते हैं ...ये है जीवन जो....
अन्तिम नहीं हैं .....शेष हैं..
रहेगा सदा..........सर्वथा..।
आज अंतिम स्वास है केवल..
एक यंत्र ....एक तंत्र की....।
जीवन कड़ी है केवल..
उस आत्मा स्वतंत्र की...।
आत्मा मेरी और तुम्हारी..
जान लो हृदय श्री..
त्याग भी देंगे ये सरवर जो..
मिलेंगे तुमको ..
किसी ना किसी रूप में ..
कहीं ना कहीं..।।
अति सुन्दर
ReplyDeleteअति सुन्दर
ReplyDeleteबहुत सुंदर ।
ReplyDeleteअति सुंदर
ReplyDeleteआसभरा जीवन ही सत्य के निकट है
धन्यवाद आपका..
Delete