ये बताओ भले ही ना..

कौन हो तुम..

ये बताओ भले ही ना..

कैसे हो ..

ये ही बता दो ।

दूर तक चलना ..

साथ हमारे जो मुनासिब नहीं..

हृदय से मुझे अपना लो..

मुफलिसी का रिश्ता है..

हमारा तुम्हारा..

कोई लेन देन की बात नहीं होगी..

बस सहमति के कुछ स्वर मिला दो..

नाम तुम्हारा जानने की ..

ख्वाहिश नहीं हमारी..

अपनी कोई यादगार 

सुझा दो..।

फर्क बहुत होगा ..

हम में और तुम में..

कोई मेल बताओ भले ही ना..

कोई संयोग है कि नहीं..

इतना समझा दो..।


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ओझल तन मन...जीवन.. हम तुम केवल बंधे बंधे.. हम राही केवल, नहीं हमराही...

ओझल तन मन...जीवन.. हम तुम केवल बंधे बंधे.. हम राही केवल, नहीं हमराही... चले आते हैं, चले जाते हैं... सुबह शाम बिन कहे सुने.. न हाथों का मेल....