Showing posts with label सही. Show all posts
Showing posts with label सही. Show all posts

उस बिंदु पर आओ ना..

उस बिंदु पर आओ ना..

ना कोई कहासुनी हो..

मै भी जहां सही हूं..

तुम भी जहां सही हो..

वाद विवाद किनारे हों..

हम दोनों ही..

एक दूसरे के सहारे हों..

ना कोई तना तनी हो..

उस बिंदु पर आओ ना..

जहां दोनों लोग सही हों.

इतने कटु क्यूं नेत्र तुम्हारे..

क्या कोई संताप है !!

है तो हमारी तुम्हारी ही..

जो भी कोई बात है..

मै समर्पित कब से हूं..

तुम भी झुक जाओ ना..

क्यों रात अंधेरी घनी हो !!

उस बिंदु पर आओ ना..

जहां दोनों लोग सही हों..

तुम कठोर , मै कोमल..

ताकत तुम, मैं संबल..

तुम सृष्टि का गौरव..

मैं सृष्टि का प्रतीक प्रतिपल..

इस भेद का जश्न मनाओ ना...

भरपूर रोशनी हो..

उस बिंदु पर आओ ना..

जहां दोनों लोग सही हों..।।

ओझल तन मन...जीवन.. हम तुम केवल बंधे बंधे.. हम राही केवल, नहीं हमराही...

ओझल तन मन...जीवन.. हम तुम केवल बंधे बंधे.. हम राही केवल, नहीं हमराही... चले आते हैं, चले जाते हैं... सुबह शाम बिन कहे सुने.. न हाथों का मेल....