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आज नहीं दिन अच्छे..कल हो भी सकते हैं...

आज नहीं दिन अच्छे..

कल हो भी सकते हैं..।

या आंख मूंद कर..

समस्यायों पर..

हम रो भी सकते हैं..।

या फिर सोचें हम..

ये हाल तो कुछ भी नहीं..

और चैन से सो भी सकते हैं..।

या फिर हालात बदलने को..

हम कोई कड़ी पिरो भी सकते हैं..।

कुछ ना कुछ तो करना होगा..

हालात ना वश में हो लेकिन..

हमको तो संभलना होगा..

संभावनाओं को ढूंढना होगा..

मुश्किलों से लड़ना होगा..

अच्छे दिनों के लिए..

किरदारों के भ्रम से निकलकर..

स्वयं विधाता बनना होगा..।

ओझल तन मन...जीवन.. हम तुम केवल बंधे बंधे.. हम राही केवल, नहीं हमराही...

ओझल तन मन...जीवन.. हम तुम केवल बंधे बंधे.. हम राही केवल, नहीं हमराही... चले आते हैं, चले जाते हैं... सुबह शाम बिन कहे सुने.. न हाथों का मेल....