रिश्ते नाते..
और रिश्तेदार..।
लोग अपने..
और घर परिवार..।
भूल ना जाना आदतन !!
उनमें एक मैं भी हूं..।
मै भी हूं ..
हर पूजा की साथी..
साथी हर कदम की..
साथी मैं हर वचन की
मन के अधूरेपन की..
झुठला ना देना आदतन..
एक जीवन..
मैं भी हूं..।
स्वागत प्रियजन का..
उमंगों से भरे..
उत्सव तीज त्योहार..
खुशियां हों अपार..
ठुकरा ना देना आदतन..
एक मन मैं भी हूं..!
No comments:
Post a Comment