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फ़िक्र..

जो नहीं रहे अपने , उनकी फिक्र न करो..

जो तुम्हे याद नहीं करते उनका खुद से जिक्र ना करो!

फ़िक्र करोगे भी तो क्या ,मदद कर ना सकोगे..

मदद कर भी दोगे, खुद को उनका ..

अपना ए अदद कर ना सकोगे..

अब रहने भी दो ..…खुद को इतना छोटा साबित न करो..

जो नहीं रहे अपने ,उन्हें अपना रहने की ज़िद ना करो..

जो नहीं रहे अपने, उनकी फिक्र ना करो..



ओझल तन मन...जीवन.. हम तुम केवल बंधे बंधे.. हम राही केवल, नहीं हमराही...

ओझल तन मन...जीवन.. हम तुम केवल बंधे बंधे.. हम राही केवल, नहीं हमराही... चले आते हैं, चले जाते हैं... सुबह शाम बिन कहे सुने.. न हाथों का मेल....