तमाशा देखने वालों की कतार में..
शुमार हम भी हैं..!!
हम ना सही कोई और बचा लेगा उसे..
इस गलतफहमी का शिकार हम भी हैं..!!
नफ़रत और रंज की दुनिया में..
कोई निर्णायक भूमिका न ले सके..
एक बिन धार की तलवार हम भी हैं..!!
झुका लेते हैं सर ..संघर्ष किए बिना..
नहीं करते प्रतिकार कोई..
क्या कहें..बहुत समझदार हम भी हैं..!!
मंज़िल की खोज में हैं..
रास्तों को रौंदते हुए..
बहुत कुछ पा लेने के..
तलबगार हम भी हैं!!
तमाशा देखने वालों की कतार में..
शुमार हम भी हैं..!!